Saturday, August 6, 2011

बेवफाई ..


किस से करें शिकायत ..
करें किस से गिला वो ..
न उसे थी परवाह तेरी
और न ही है गमजदा वो ..
वो है मगरूरी मे अपनी
कि खुदाया बन गया वो ..
चेहरे पे नकाब ओडे है
कितना शरीफ बंदा वो ..
सोचा था न कुछ कहेंगे ..
पर चुप भी रहा जाता नहीं ..
दिल मे नश्तर इतने चुबाये 
कि अब सहा भी जाता नहीं ...
दम वो भरता रहा अपनी दोस्ती का 

और दूजे हाथ मे पकड़ा रहा
हाथ किसी और महजबी का ....
वाह क्या दोस्ती निभाई उसने ...
और वो कहती रही ..

दिया आपने स्थान अपने गुलशन मे ....?

No comments:

Post a Comment