Monday, August 8, 2011

दोस्ती .....


याद आ  गए वो बीते दिन ..
वो सुंदर संग और हसीं पलछिन ...

याद आते है वो सभी दोस्त ..
जो न रहते थे कभी एक दूजे के बिन ...

आओ फिर से मिल जाएँ .....
फिर एक नई दुनिया बसाये ...

हो जहाँ हर पल ख़ुशी का आलम ....
गूंजे हंसी ठट्ठा ..और भूले सभी गम ..

जिसमे हरेक की भावनाओं  का हो समुंदर ..
प्यार, श्रधा, विश्वास और दोस्ती का रहे हमेशा मंजर ..

दोस्तों के बिना अधूरी है जिंदगी ...
समझो तो सब कुछ है दोस्ती ....
न समझो तो कोरी है दोस्ती ..

गर समझ गए तो आ जाओ फिर से ..
ये पल जो जा रहा है .....
नहीं आएगा फिर से .....

न रहे मलाल की न मिले दोस्तों से ....
कुछ  पल तो बिता दिए बगैर उनके ....
अब बस  रह गए......
सिर्फ कुछ पल ज़िन्दगी के.....

(मित्रता दिवस पर मित्रों को भेंट ...)...

रेनू मेहरा  ८/८/२०११ 

2 comments:

  1. renu...tumhari poem bahut pyari hai jaise ki tum dost pyari ho...God bless you!

    ReplyDelete
  2. शुक्रिया दोस्त ....

    ReplyDelete