Monday, May 16, 2011

आशा निराशा ....


आशा निराशा ....

है... सिक्के के दो पहलु 

सुख दुःख की तरह आगे पीछे ...

संग संग चलते रहते ताउम्र ...

हर पल एहसास कराते ..

.हम है ..

तो तुम हो.... 

हम नहीं ....

तो तुम नहीं ..

जो तुम हो तो सहते रहो ...

ये गम और ये हर पल की ख़ुशी ...

न होंगे तो क्या मजा जीने का 

जिंदगी वीरान लगने लगेगी 

हर पल जो जीना हो तो

जियो हमारे संग ही ...

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