डूबी थी दुनिया के रंग मे ...
तुने वो रंग दिखलाया ...
भूली अब दुनिया को ..
तेरे रंग मे रंगने को दिल चाहा ...
एक पल मे तुने आसमा दिखाया
दूजे ही पल धरा ..
कुदरत तेरे रुप निराले ..
फिर काहे इंसान है इतराते ...
तू ही सबका मालिक एक ...
दे सबको तू सत्मती हे देव ...!!!!
रेनू मेहरा ....१३.१०.२०११
तुने वो रंग दिखलाया ...
भूली अब दुनिया को ..
तेरे रंग मे रंगने को दिल चाहा ...
एक पल मे तुने आसमा दिखाया
दूजे ही पल धरा ..
कुदरत तेरे रुप निराले ..
फिर काहे इंसान है इतराते ...
तू ही सबका मालिक एक ...
दे सबको तू सत्मती हे देव ...!!!!
रेनू मेहरा ....१३.१०.२०११
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