मन चंचल होता है ..कभी यहाँ ..कभी वहां ....एक पल में आसमान पर ..दूजे पल धरातल पर ....इस मन के क्या कहे ....मन तो मन है ...आओ इसके रंगों में डूब जाएँ ...देखे कितने रंग दिखलाता है .....
Wednesday, November 23, 2011
.............एक पल न बीता ऐसा ..... .............जब यादो से जुदा हुए हो ...
..............दिल आज भी सोचकर तुम्हे... ..............जार जार रोया है ...
No comments:
Post a Comment