जीवन के है कई रूप ..
कभी छाँव है तो है कभी धुप ...
कभी सुख की ठंडी बयार है
कभी दुखो का भण्डार है ..
सम रहना ही सिखाता है ..
जीवन का जो ये सार है ...
विकट रूप जो देख रहे ...
प्रभु को सिमरन सब कर रहे ...
देना सबको तुम अपना आशीष....
करन कल्याण जगत का तुम हे ईश !!!!!!
रेनू ....१३.१०.२०११
कभी छाँव है तो है कभी धुप ...
कभी सुख की ठंडी बयार है
कभी दुखो का भण्डार है ..
सम रहना ही सिखाता है ..
जीवन का जो ये सार है ...
विकट रूप जो देख रहे ...
प्रभु को सिमरन सब कर रहे ...
देना सबको तुम अपना आशीष....
करन कल्याण जगत का तुम हे ईश !!!!!!
रेनू ....१३.१०.२०११
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