करके वंदन मै तेरा
शीश झुकाए बैठी हूँ ..
हो दरस तेरे हे प्रभु
ये आस लगाय बैठी हूँ ..
यूँ तो है तू
हर पल मुझमे ही ...
देखू तुझे मै कण-२ मे भी .,
महसूस करू अपने भीतर
है मेरे विचारों मे तू ही ...
सदा रहना साथ मेरे ...
देना संबल हमेश यु ही ...
हरी ओम ...हरी ओम ...
रेनू ...१७.१०.२०११
शीश झुकाए बैठी हूँ ..
हो दरस तेरे हे प्रभु
ये आस लगाय बैठी हूँ ..
यूँ तो है तू
हर पल मुझमे ही ...
देखू तुझे मै कण-२ मे भी .,
महसूस करू अपने भीतर
है मेरे विचारों मे तू ही ...
सदा रहना साथ मेरे ...
देना संबल हमेश यु ही ...
हरी ओम ...हरी ओम ...
रेनू ...१७.१०.२०११
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