ये रात और ये तन्हाई ...
न हमको रास आई ...
डसने लगी ये गहरी काली रात ...
अजनबी से साये हमें है डराए ...
नीद भी हुई बेवफा ...
करे किस से हम गिला ...
न आयेंगे कहकर तुम गए ...
आये भी दबे पाँव ..
और यहीं आस पास रहें ...
न आने का तो बहाना था ..
तुमने भी कहाँ जाना था ...
बिन आये चैन नहीं तुमको ...
शक्ल न् दिखाना तो सिर्फ एक बहाना था ..
मालूम है हकीकत कुछ और है ...
ये साये भी मेरे नहीं ..
सिर्फ डराने को दीखते हैं ...
मेरे वहम मुझे ही डसते हैं ...
रेनू ....०७.१०.२०११
न हमको रास आई ...
डसने लगी ये गहरी काली रात ...
अजनबी से साये हमें है डराए ...
नीद भी हुई बेवफा ...
करे किस से हम गिला ...
न आयेंगे कहकर तुम गए ...
आये भी दबे पाँव ..
और यहीं आस पास रहें ...
न आने का तो बहाना था ..
तुमने भी कहाँ जाना था ...
बिन आये चैन नहीं तुमको ...
शक्ल न् दिखाना तो सिर्फ एक बहाना था ..
मालूम है हकीकत कुछ और है ...
ये साये भी मेरे नहीं ..
सिर्फ डराने को दीखते हैं ...
मेरे वहम मुझे ही डसते हैं ...
रेनू ....०७.१०.२०११
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