Wednesday, November 23, 2011

सीने मे मेरे आज भी दफन हैं कई राज ...
भुलाए नहीं भूलती है वो तेरी कही बात ...
याद आती है बरबस मुझे वो एक शाम ..
जब मिले मुझे वो जख्म उम्रभर के नाम ...

---रेनू ---
१६/११/२०११



करके बहाना चाँद चुप गया
तारे भी चले सजाने  अपनी बारात ..
मै बैठी रही तकती "तुझे "ऐ मेरे खुदा ..
तू भी कहीं न नजर फेर ले ...

--रेनू ...

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